जिन्दगी कैरमबोर्ड जैसी होती है, बोर्ड पर जमी हुई गोटियाँ मनुष्य के पारिवारिक सपने। जरा भी ठोकर लगी और सपने कैरम की गोटियों की मानिंद बिखर जाते हैं। बिरले ही होते हैं जो जीवन की गोटियों को फ़िर से जमाने की और नया खेल शुरु करने की हिम्मत जुटा पाते …
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