अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय या नाश ना हो। हिन्दू पंचाग के अनुसार बारह मासों की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ मानी जाती है, परंतु वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि स्वयं सिद्ध मुहूर्त में होने के कारण हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है। ऋतु परिवर्तन काल …
Read More »लोक जीवन की शक्ति, लोक पर्व अक्ति
हमारा भारत का देश गाँवों का देश है। गाँव की गौरव गरिमा लोक परम्पराएं तीज त्यौहार, आचार विचार आज भी लोक जीवन के लिए उर्जा के स्रोत हैं। गाँव की संस्कृति लोक संस्कृति कहलाती है। जनपदों लोकांचलों में विभक्त ये गाँव अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं को सांसों में बसाए हुए हैं। …
Read More »भगवान परशुराम जन्मदिवस एवं पावन पर्व अक्षय तृतीया
वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया, आखा तीज या अक्ति कहलाती है। इस दिन किसी भी कार्य को किया जाय वह अक्षय फ़ल देने वाला होता है। बारह मासों में तृतीया होती है परन्तु वैशाख की यह तिथि अक्षय होने के कारण इसे महत्वपूर्ण माना गया …
Read More »अक्ति तिहार : प्राचीन परम्पराएं, मान्यताएं एवं ठाकुर देव पूजा
बैगा आदिवासियों द्वारा अक्ति पूजा : फ़ोटो गोपी सोनी अक्षय का अर्थ है, कभी न मिटने वाला, कभी न खत्म होने वाला। इसलिए इस दिन जो भी कार्य किया जाता है वह फ़लदाई होता है। इस दिन को इतना पवित्र माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन कोई भी …
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