8 दिसम्बर 1894 : निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त का जन्म दिवस भारत को स्वतंत्र हुये सत्तहत्तर वर्ष हो गये हैं पर अभी भी ऐसी जन भावना मुखर नहीं हो सकी जो उन राष्ट्रसेवियों का खुलकर सम्मान करे जिन्होने राज्याश्रय की बिना परवाह किये परतंत्रता के अंधकार के बीच …
Read More »अमृत काल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता – पुस्तक चर्चा
अपने शीर्षक “अमृत काल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता” के अनुसार यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के कार्य और विचारों पर आधारित है, जो आधुनिक भारत के लिए अमृत कल में मार्गदर्शन का कार्य करेगी। इस पुस्तक के माध्यम से जहाँ एक ओर अपने पाठकों को “स्वामी विवेकानंद के जागृत भारत …
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