छतीसगढ़ के त्योहारों में परम्परा का गजब समन्वय है, देश भर में होली दिवाली सहित अनेक पर्व तो मनाते ही है किंतु माता पहुंचनी, पोरा, तीजा, इतवारी, नवाखाई, बढोना, छेवर और छेरछेरा ऐसे लोक स्थापित पर्व हैं जिसे लोक अपने स्तर और तरीके से नियत तिथि को मनाता है। छेरछेरा …
Read More »छेरिक छेरा छेर बरकतीन छेरछेरा : लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी
जीवन में दान का बड़ा महत्व है। चाहे विद्या दान हो या अन्न दान, धनराशि दान हो या पशु दान स्वर्ण या रजत दान। चारों युगों में दान की महिमा का गान हुआ है। दान दाता की शक्ति पर यह निर्भर करता है। दान के संबंध में ये उक्तियाँ लोक …
Read More »चंद्र कलाओं पर आधारित हिन्दू त्यौहार : छेरछेरा पुन्नी विशेष
सूर्य और ग्रह मंडल से मिलकर सौरमण्डल बना है। जिसका मुखिया सूर्य है। सूर्य को ‘सर्वति साक्षी भूतम’ (सब कुछ देखने वाला) कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य भगवान हर क्रियाकलाप के साक्षी हैं। भारतीय ज्योतिष में नव ग्रह हैं- सूर्य, चंद्र, बुद्ध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, …
Read More »छेरछेरा पुन्नी : बच्चों में मनुष्यता जगाने का पर्व
हमारे देश की परम्परा तीज त्यौहारों, उत्सवों, मेलों की है। मनुष्य हमेशा उत्सव में रहना चाहता है, कहा जाए तो हमारी परम्परमा में वर्ष के सभी दिन उत्सवों के हैं। इन्हीं उत्सवों में हम छत्तीसगढ़ में छेरछेरा पुन्नी मनाते हैं। इस त्यौहार में बच्चे बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। …
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