फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी : शबरी माता जयंती भक्त शिरोमणि शबरी वनवासी भील समाज से थी। फिर भी मातंग ऋषि के गुरु आश्रम की उत्तराधिकारी बनी। रामजी ने उनके जूठे बेर खाये। यह कथा भारतीय समाज की उस आदर्श परंपरा का उदाहरण है कि व्यक्ति को पद, स्थान और सम्मान …
Read More »दण्डकारण्य में राम : रामनवमी विशेष
बस्तर अपने प्राचीन पुरातात्विक महत्व, आरण्यक संस्कृति, दुर्गम वनांचल एवं अनसुलझे तथ्यों के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर, दण्डक, चक्रकूट, भ्रमरकूट, महाकांतर जैसे अनेक नामों से परिभाषित धरती पर स्वर्ग का पर्याय है। बस्तर के पूर्वजों ने धर्म, विज्ञान, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में जो पराक्रम किया है। वह …
Read More »