दक्षिण कोसल में स्थापत्य कला का उद्भव शैलोत्खनित गुहा के रूप में सरगुजा जिले के रामगढ़ पर्वत माला में स्थित सीताबेंगरा से प्रारंभ होता है। पांचवीं-छठवीं सदी ईस्वीं से दक्षिण कोसल में स्थापत्य कला के अभिनव उदाहरण प्राप्त होने लगते हैं जिसके अन्तर्गत मल्हार तथा ताला में मंदिर वास्तु की …
Read More »नरोधी नर्मदा जहाँ झिरिया से बुलबुलों में निकलता है जल
लोक गाँवों में बसता है। इसलिए लोक जीवन में सरसता है। निरसता उससे कोसों दूर रहती है। लोक की इस सरसता का प्रमुख कारण, प्रकृति से उसका जुड़ाव है। लोक प्रकृति की पूजा करता है। आज भी गाँवों में जल को वह चाहे नदी हो, या तालाब का, किसी झरने …
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