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शोध आलेख

इस विभाग में विभिन्न विषयक शोध को स्थान दिया गया है।

75 वर्ष स्वतंत्रता के : क्या खोया, क्या पाया

आजादी का अमृत महोत्सव विशेष आलेख भारत अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। हमारे धर्मशास्त्र एवं पुराणों में जीवन जीने की कला के साथ साथ धर्म, आध्यात्म ,राजनीति, अर्थ व्यवस्था एवं विज्ञान की चमत्कृत कर देने वाली घटनाएँ एवं गाथाएँ मौजूद हैं। किसी भी …

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नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मतभेद और मतांतर

त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में कांग्रेस के वार्षिक अध्यक्ष पद हेतु गांधीयुगीन कांग्रेस में पहली बार चुनाव हुये थे, इस सनसनी खेज तथा आर-पार वाले चुनाव में सुभाष बाबू ने गांधी जी के समर्थित और प्रिय उम्मीदवार को परास्त किया। त्रिपुरी अधिवेशन के पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों (जवाहर …

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गोवा मुक्ति संग्राम में छत्तीसगढ़ की भूमिका एवं योगदान

कैसी विडेबना रही कि स्वतंत्र भारत के 14 वर्षों तक एक बड़ा भू-भाग पुर्तगाल के अधीन रहा। 19 दिसंबर 1961 का वह दिन था जब पणजी में तिरंगा लहराया। उससे पहले स्थानीय निवासियों पर अनेक तरह के प्रतिबंध थे, सेंसरशिप का आलम तो यह था कि विवाह के निमंत्रण पत्रों …

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भारत की नाथ सन्यास परम्परा एवं योगी आदित्यनाथ

भारत में नाथ परम्परा प्राचीन काल से ही विद्यमान है,  नाथ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है स्वामी तथा जगत के नाथ आदिनाथ (भगवान शंकर) को प्रथम नाथ माना जाता है, इन्हीं से नाथ संप्रदाय का प्रारंभ होता है। इसके पश्चात अन्य नाथ प्रकाशित होते हैं, जिनमें भगवान दत्तात्रेय एवं …

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ईसाई षड़यंत्रों के लिए बड़ी चुनौती थे भगवान बिरसा मुंडा

जनजातीय गौरव दिवस विशेष आलेख वन में रहनेवाले जनजातियों (वनवासियों) को एकत्र कर अंग्रेजी शासकों के दमनकारी एवं कठोर कानून के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाने वाले बिरसा मुंडा आज अपने अनुयायियों के बीच ‘भगवान’ के रूप में पूजे जाते हैं और देशभर में उन्हें वनवासियों का प्रेरणाप्रद नेता माना जाता …

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आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि

वाल्मीकि जयंती महान लेखक और महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस की स्मृति के रूप में मनाई जाती है । महर्षि वाल्मीकि महान हिंदू महाकाव्य रामायण के लेखक होने के साथ-साथ संस्कृत साहित्य के पहले कवि भी हैं। उन्होंने रामायण नामक अद्भुत काव्य ग्रंथ की रचना की। उनके द्वारा लिखित भगवान राम …

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कचना धुरवा की अमर प्रेम कहानी

बहुत पुरानी बात है जब बालाघाट लांजीगढ़ रियासत के राजा सिंहलसाय ध्रुव थे। राजा राजा की रानी गागिन अपूर्व सुंदरी थी। लांजीगढ़ पहाड़ी और दुर्गम जंगलों से घिरा था। यहां गेहूं ज्वार और बाजरा की खेती होती थी, भरपूर फसल होने के कारण लांजीगढ़ एक मजबूत रियासत मानी जाती थी। …

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राजभाषा के 72 साल : आज भी वही सवाल?

हमारे अनेक विद्वान साहित्यकारों और महान नेताओं ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में महिमामण्डित किया है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय एकता की भाषा भी कहा है। उनके विचारों से हम सहमत भी हैं। हमने 15 अगस्त 2021 को अपनी आजादी के 74 साल पूरे कर लिए और हिन्दी को राजभाषा …

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दक्षिण कोसल में गाणपत्य सम्प्रदाय एवं प्राचीन गणपति प्रतिमाएँ

भारतीय धार्मिक परंपरा में गाणपत्य सम्प्रदाय का प्रमुख स्थान माना गया है। वैदिक काल से देव के रूप में गणपति की प्रतिष्ठा हो गई थी। ऋग्वेद में रूद्र के गण मस्तों का वर्णन किया गया है।1 इन गणों के नायक को गणपति कहा गया है। पौराणिक देवमण्डल में गणपति का …

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आज़ादी के लिए प्राणों की परवाह न करने वाली वनबाला दयावती : स्वतंत्रता दिवस विशेष

“जिस रोज 144 दफा लगाया गया था, उस रोज तमोरा गांव में सभा थी। वहां पर मैं, मेरी माँ और कुछ अन्य स्त्रियां सभा में गई। हम लोगों को सभा में जाने से किसी ने रोका नहीं। कुरुभाठा, ढोंगा, धौराभाठा, डूमरडीह इत्यादि के लोगों को डोर लगा के रोक रहे …

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